पानी की जगह गम के, आंसू पीता हूं। तेरे प्यार की खातिर बाप के, डंडे खाता हूं।
मैंने तो देखा था बस एक, नजर के खातिर, क्या खबर थी की रग रग में, समां जाओगे तुम | Happy Valentines Day